| 1. | व्यवहारवादी समाजशास्त्र में मानव-संचेतना के व्यव्हार में प्रमाणित होने की बात है।
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| 2. | *स्त्रोत = व्यवहारवादी समाजशास्त्र, संस-१ सम्बन्धों के साथ ही शिष्टता विधि स्वाभाविक है ।
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| 3. | उसके बाद शास्त्रों का नाम दिया-आवर्तनशील अर्थशास्त्र, व्यवहारवादी समाजशास्त्र, मानव संचेत्नावादी मनोविज्ञान।
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| 4. | वह लाभ के अर्थशास्त्र और भोग के समाजशास्त्र की जगह आवर्तनशील अर्थशास्त्र और व्यवहारवादी समाजशास्त्र को स्थापित कर रहा है।
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| 5. | वह लाभ के अर्थशास्त्र और भोग के समाजशास्त्र की जगह आवर्तनशील अर्थशास्त्र और व्यवहारवादी समाजशास्त्र को स्थापित कर रहा है।
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